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dineshsiddhanth
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January 2022
2 years ago
Submitted Poems 3 total
The shedThere's a shed at the bottom of our garden With a spider's web hanging across the door, The hinges are rusty and creak in the wind. When I'm in bed I lie and I listen, I'll open that door one day. | 174 Views added 2 years ago | Rating |
Ek Tinkaघमंडों में भरा ऍठा हुआ, एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा। आ अचानक दूर से उड़ता हुआ, एक तिनका आँख में मेरी पड़ा।मैं झिझक उठा हुआ बेचन सा. होकर आँख भी दुखने लगी। लाल मूँठ देने लोग कपड़े की लगे, ऐंठ बेचारी दबे पाँवाँ भगी।जब किसी ढब से निकल तिनका गया, तब... | 15 Views added 2 years ago | Rating |
Rahim ke doheकहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत। विपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत ॥1॥ तरुवर फल नहिं खात है, सरवर मियत न पान। कहि रहीम परकाज हित संपति-सचहिं सुजान।।3।धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह... | 42 Views added 2 years ago | Rating |
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