Analysis of Chachu
कुछ आग्रह और कुछ बातो को टाला नहीं जा सकता है इसलिए मैं आज कई दिनों के बाद अपने प्रिय सत्यम चाचा के लिए लिख रहा हु, ये लेख उन्ही को समर्पित है.............
सत्यम चाचा करीबी रिश्तेदार में से एक है शायद उनसे मेरी पहली सार्थक मुलाकात 2011 या 12 के आप पास हुई , हमारे गोरूवारे में पानी की टंकी थी जिसमे हम सभी घर के बच्चे नहाने गए थे तब उन्होंने अपने हरियाणा के जीवन ,अपने दोस्तो और स्कूल के बारे में बताया था ,तब जबकि मैं छोटा था मेरे मन में हरियाणा के लिए कौतुहलता भरी हुई थी , गोरूवार से लौटते समय अरहर की फलिया तोड़ते हुए उन्होंने कहा था ऐसे ही हम लोग भी वहां खेतो से तोड़कर खाते है , वक्त पर वर्षो की धूल पड़ जाने से हो सकता है कुछ बातो का क्रम असंतुलित हो गया हों , तब से हरियाणा सोनीपत इसी वर्ष उनके नए घर में जाने से पहले कई बार उनसे फोन से बात हुई और शादी ब्याह में कई दफे मुलाकात हुई पर उनसे बात करने और जानने का अवसर न मिला था , हमारे घर में कभी कभी उनको आदर्श मान मुझे उनका उदाहरण दिया जाता "की देखअ सत्यम चाचा केतना जिम्मेदार हयन, शहर में एतना महंगाई में घर बनवाई लेहेंन और मामा क केतना सहारा करत हयन " और न जाने क्या क्या कहा सुना जाता रहा है , इतना सब सुनने और उनसे फोन पर बात करने उनकी आवाज को सुनने से मेरी एक धारणा बन गई थी की अरे चाचा की यूंही तारीफ होती है, उनकी बातो से "रूप बुआ कहां है ? बात कराना" लगता की ये इतना गुस्से में क्यों बतियाते है , पर इस बार जब उनसे मिलने का मौका मिला तब मेरी सारी पूर्वधारणाये धराशाई हो गई, उनका इतने आग्रह के साथ स्वागत करना,व्यवहार कुशलता के साथ मेरा ध्यान रखना ये सब देख कर मैं हतप्रभ हो गया, संध्या समय उनके साथ भ्रमण करने और बतियाने में मुझे उनकी भविष्य योजनाओं और उनके गांव प्रेम ,धरती जुड़ाव , मिलनसारिता, निस्पक्षता, और दूसरे की बात सुनने के गुण से काफी प्रभावित हुआ ,
अभी केंद्र में सत्यम चाचा ही है इसलिए मामी मामा और शिवम् चाचा के बारे में ज्यादा नहीं लिख पा रहा हूं ऐसा भी नहीं है की मैं उनके बारे में लिख नही सकता लेकिन जो अनुभव किया वही लिखने में थोड़ा समय और अतिरिक्त चाहिए इसलिए शेष फिर कभी ...........
Scheme | X |
---|---|
Poetic Form | Palindrome |
Metre | 1 1 1 |
Characters | 4,694 |
Words | 396 |
Sentences | 3 |
Stanzas | 2 |
Stanza Lengths | 1, 2 |
Lines Amount | 3 |
Letters per line (avg) | 2 |
Words per line (avg) | 136 |
Letters per stanza (avg) | 3 |
Words per stanza (avg) | 204 |
About this poem
This. Story and poem in about my chachu
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Written on October 10, 2022
Submitted by satyamtiwari20190 on October 14, 2022
Modified on March 05, 2023
- 1:58 min read
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Style:MLAChicagoAPA
"Chachu" Poetry.com. STANDS4 LLC, 2024. Web. 12 Jun 2024. <https://www.poetry.com/poem-analysis/142551/chachu>.
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