Pehla pyaar



मैं 9th की लड़की,वो 12th का लड़का,
उसको देखकर मेरा दिल जोरों से धड़का,
आँख लड़ने लगी, बात आगे बढ़ने लगी,
प्यार की ख़ुमारी दोनों के सर चढ़ने लगी,
हर रोज धीरे-धीरे हमारी बात हो रही थी,
बातों में पता न चला कब रात हो रही थी,
स्कूल में भी एक दूसरे का वेट कर रहे थे,
कोचिंग bunk करके हम डेट कर रहे थे,
Life में पहली बार क्षण अजीब हो रहे थे,
फिर हम दोनों क्यों इतना करीब हो रहे थे,
मैं उसके साथ शादी में सपने देख रही थी,
ख्यालों के तवे पर ख्वाबों को सेक रही थी,
सब कुछ हमारे दरमियाँ ठीक चल रहा था,
उसकी की बातों में मेरा दिन ढल रहा था,
एक लड़की जिसे में सब कुछ बता रही थी,
वही मेरे प्यार को मुझसे छुपके चुरा रही थी,
जिसको देख बढ़ जाती थी मेरी हार्ट बीट,
वही मेरी पीठ पीछे कर रहा था मुझको चीट,
दिल टूटा ऐसे जैसे किसी ने मारी हो ईंट,
धीरे-धीरे खुल रहे थे उसके छुपे सारे राज़,
मैं बेवफाई को भी कर रही थी नज़रअंदाज़,
उसके लिए भूल गई मैं अपनी शर्म,लाज,
जिसको वो अपनी खास दोस्त बता रहा था,
वो उसके साथ अकेले में समय बिता रहा था,
उसके अलावा भी वो एक को घुमा रहा था,
फिर हर रोज मैं टूट-टूटकर बिखर रही थी,
आँखें दुख कर मेरी आँशुओँ से भर रही थीं,
मैं जिंदा होकर भी धीरे धीरे से मर रही थी,
रास्ते वो अपने कहीं और को मोड़ गया,
रास्ते वो अपने किसी और की ओर मोड़ गया,
छोड़ना मुझको था पर वो ही मुझे छोड़ गया,
जिस दिल ने उसे प्यार किया उसे तोड़ गया,
जिसमें रहा था सब, जिसको माना मैंने रब,
मुझे पता भी न चला वो ऐसे बदल गया कब,
वो सच को झूठ कहता ऐसी थी उसकी अदब,
मैंने सुना ही नहीं वो बेवफ़ा है बता रहे थे सब,
भगवान का दिया दर्जा था लुक भोला भाला,
सूरत का सुंदर पर दिल का वो निकला काला,
सोच रही थी अब क्या करूँ मर जाऊँ साला,
उस समय मेरे दोस्त ने ही था मुझको संभाला,
जिंदगी ये मेरी साली कठिन सी होने लगी थी,
न खाती, न पीती थी, मैं तो बस रोने लगी थी,
घुटन सी हो रही थी, मैं देर रात सोने लगी थी,
अब वो नहीं उसकी यादें ही मेरे पास आती हैं,
मैं रोना नहीं चाहती ये फिर भी क्यों रुलाती हैं,
आँखें मेरी आँशुओँ के मोती क्यों बरसाती हैं,
उसके लिए दो दोस्त खोए जिनकी थी ख़ास मैं,
है अभी भी प्यार, है इंतजार बैठी इसी आस में,
एक दिन सबको छोड़कर वो बैठेगा मेरे पास में,
पर ख़्वाब मेरे बेकार हैं और हूँ जिन्दा लाश मैं।

About this poem

Ye poem hai school time me attraction hue pyaar ki galti jis vajah se ek ladki ko school time me kitna hurt hona pada ladke ke timepass ne ek bachi ka banchpana aur muskan dono chhin li.

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Submitted by rohtashkumar70607 on November 17, 2022

Modified on March 05, 2023

2:28 min read
1

Quick analysis:

Scheme A BC
Characters 4,837
Words 494
Stanzas 1
Stanza Lengths 50

Rohtash kumar

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    "Pehla pyaar" Poetry.com. STANDS4 LLC, 2024. Web. 31 Oct. 2024. <https://www.poetry.com/poem/145981/pehla-pyaar>.

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